अमरनाथ यात्रा 2025 इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यह पवित्र यात्रा भगवान शिव के बर्फानी रूप के दर्शन का दुर्लभ अवसर प्रदान करती है।
हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इस पावन गुफा के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर की ऊँचाईयों में यात्रा करते हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं,
तो समय रहते रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं और यात्रा से जुड़ी गाइडलाइन का पालन करें।
📝 रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
यात्रा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आप आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं:
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ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं – www.shriamarnathjishrine.com
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ऑनलाइन फॉर्म भरें
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जरूरी दस्तावेज अपलोड करें
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पासपोर्ट साइज फोटो
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ID प्रूफ (आधार/पैन कार्ड)
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Compulsory Health Certificate (CHC)
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रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करें
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यात्रा परमिट डाउनलोड करें और प्रिंट रखें
अमरनाथ यात्रा में रजिस्ट्रेशन के बाद क्या करें ?
अमरनाथ यात्रा 2025 में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन के बाद यात्रियों को सबसे पहले ट्रैवल परमिट का प्रिंट आउट लेना अनिवार्य होता है। यात्रा वाले दिन जब आप जम्मू पहुंचते हैं,
तो यही परमिट दिखाकर आपको RID कार्ड (यात्रा पहचान पत्र) जारी किया जाता है। यह कार्ड बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसके बिना आप जम्मू से आगे की यात्रा शुरू नहीं कर सकते।
यात्रा पूरी होने के बाद इस RID कार्ड को जम्मू लौटकर साइन बोर्ड पर वापस करना होता है, इसलिए इसे पूरे सफर में सुरक्षित रखना जरूरी है।
अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू कैसे पहुँचें?
- अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू पहुँचना बेहद आसान है, क्योंकि यह शहर भारत के लगभग हर कोने से ट्रेन के माध्यम से जुड़ा हुआ है। आप हवाई मार्ग से भी जम्मू एयरपोर्ट या सीधे श्रीनगर एयरपोर्ट तक पहुँच सकते हैं।लेकिन अगर आप अमरनाथ यात्रा पैदल करना चाहते हैं,
तो बेहतर होगा कि आप जम्मू से धीरे-धीरे आगे बढ़ें ऐसा करने से आपके शरीर को ऊँचाई के अनुसार खुद को ढालने (acclimatize) का समय मिलेगा और आप ऊँचाई पर होने वाली समस्याओं से बच सकेंगे। सुरक्षित और सफल यात्रा के लिए यह तरीका सबसे उपयुक्त माना जाता है।
- अमरनाथ यात्रा में जम्मू से आगे की तैयारी: ठहराव, और बस सेवा जम्मू पहुंचने के बाद आपको यात्रा परमिट और आधार कार्ड दिखाकर RID कार्ड बनवाना होता है, जिसके बाद आप वहां रात रुक सकते हैं। ठहरने के लिए भगवती नगर में श्राइन बोर्ड द्वारा डॉरमेट्री सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं,
जिनका किराया सिर्फ ₹150 से ₹200 के बीच है। अगली सुबह 4:00 बजे से 7:00 बजे तक यात्री निवास से बसें चलती हैं, जो आपको लगभग 12–13 घंटे में पहलगाम या बालटाल पहुँचा देती हैं, जहाँ से असली यात्रा शुरू होती है।
- अमरनाथ यात्रा के दौरान भोजन अमरनाथ यात्रा के दौरान भोजन की सुबिधा फ्री लंगर के माध्यम से होती है जम्मू से लेकर बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा तक जगह जगह फ्री लंगर सेवा उपलब्ध है
1. पहलगाम से अमरनाथ जी (लगभग 32 KM)
जम्मू से पहलगाम की दूरी लगभग 240 किलोमीटर है,
जिसे तय करने में बस से करीब 8 से 9 घंटे का समय
लगता है और किराया लगभग ₹600 होता है। पहले दिन
की यात्रा के बाद आप शाम तक पहलगाम बेस कैंप पहुंच जाते हैं,
जहाँ रुकने के लिए टेंट उपलब्ध होते हैं जिनका किराया लगभग ₹300 से ₹400 प्रति व्यक्ति होता है। । अगली सुबह आपको शेयरिंग टैक्सी से चंदनवाड़ी जाना होता है,
अमरनाथ यात्रा में चंदनवाड़ी से शेषनाग तक की ट्रैकिंग का पहला पड़ाव
चंदनवाड़ी से अमरनाथ यात्रा की असली ट्रैकिंग शुरू होती है, जहाँ से शेषनाग तक का सफर लगभग 12 किलोमीटर पैदल तय करना होता है। यह रास्ता प्राकृतिक सुंदरता और कठिनाई दोनों का अनोखा संगम है।
शेषनाग पहुंचने पर श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम की व्यवस्था टेंटों में की जाती है, जिनका किराया लगभग ₹400 से ₹500 प्रति व्यक्ति होता है। भोजन के लिए यहां मुफ्त लंगर की सुविधा भी मौजूद है,
- शेषनाग से बाबा बर्फानी तक: आस्था, साहस और सुंदरता का संगम अमरनाथ यात्रा का सबसे रोमांचक चरण शेषनाग से पंचतरणी की लगभग 14 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा से शुरू होता है। पंचतरणी पहुँचने के बाद आप वहां थोड़ा विश्राम और भोजन करके, सीधे बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा की ओर बढ़ते हैं,
जो वहां से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गुफा में पहुँचते ही बाबा बर्फानी के प्राकृतिक बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन होते हैं, जो हर श्रद्धालु के लिए जीवन का एक दिव्य अनुभव होता है। दर्शन के बाद आप फिर से पंचतरणी लौटकर रात्रि विश्राम करते हैं।
अगले दिन आप अपनी सुविधा अनुसार पहलगाम या बालटाल रूट से यात्रा समाप्त कर सकते हैं। यह चरण न केवल कठिन होता है, बल्कि भक्तिभाव से भरा और आत्मिक रूप से बेहद शांति देने वाला होता है।
2. बालटाल रूट से अमरनाथ यात्रा: तेज, कठिन लेकिन समय बचाने वाला मार्ग
अमरनाथ यात्रा का दूसरा लोकप्रिय मार्ग जम्मू से बालटाल होता है, जो तेज़ और कम समय में दर्शन करने वालों के लिए उपयुक्त है। जम्मू के भगवती नगर से बालटाल की दूरी लगभग 360 किलोमीटर है,
जिसे बस से तय करने में 12 से 13 घंटे का समय लगता है। बस का किराया करीब ₹800 से ₹900 होता है। शाम तक बालटाल बेस कैंप पहुंचने के बाद वहां रात्रि विश्राम के लिए टेंट उपलब्ध होते हैं, जिनका किराया ₹400 से ₹500 प्रति व्यक्ति के बीच होता है।
- बालटाल से अमरनाथ जी तक ट्रैकिंग (14km) रात्रिविश्राम बालटाल बेसकैंप पर करने के बाद अगले दिन सुबह पैदल यात्रा की शुरुआत करें । बालटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी 14 किलोमीटर है, जो कठिन चढ़ाई और संकरे रास्तों से भरी होती है।
यह रूट उन्हीं यात्रियों के लिए बेहतर है जो शारीरिक रूप से फिट हैं और समय की कमी के कारण एक ही दिन में गुफा के दर्शन कर वापस बालटाल लौटना चाहते हैं। रास्ता कठिन जरूर है, लेकिन जो तीव्रता से दर्शन करना चाहते हैं उनके लिए यह मार्ग एक बेहतर विकल्प है।
🧳 यात्रा में साथ ले जाने वाली जरूरी चीज़ें
गर्म कपड़े, रेनकोट, वाटरप्रूफ जूते,मेडिकेशन किट,पहचान पत्र और यात्रा परमिट की कॉपी,टॉर्च, ग्लव्स, सनस्क्रीम,सूखा भोजन और पानी की बोतल
🛕 आस्था और सुरक्षा दोनों ज़रूरी
ऊँचाई ज़्यादा होने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, इसलिए CHC (स्वास्थ्य प्रमाण पत्र) जरूरी है।
किसी भी प्रकार की बीमारी हो तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।
यात्रा के दौरान बेस कैंप पर मेडिकल सुविधा, पुलिस सहायता और हेल्पलाइन उपलब्ध होती है।
🙏 अमरनाथ यात्रा के नियम
13 से 70 वर्ष की आयु के लोग ही यात्रा कर सकते हैं।
गर्भवती महिलाएं और 6 सप्ताह से छोटे शिशु यात्रा के योग्य नहीं माने जाते।
यात्रा परमिट के बिना किसी को अनुमति नहीं दी जाती।
📌 महत्वपूर्ण सुझाव
समूह में यात्रा करें
पर्यावरण का ध्यान रखें – प्लास्टिक का उपयोग न करें
भक्ति के साथ-साथ सावधानी भी रखें
मौसम की जानकारी लेते रहें
🚩 हर हर महादेव! जय बाबा बर्फानी!
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